दृष्टिबाधितों में प्रतिभाओं की कमी नहीं, जरूरत उचित मंच प्रदान करने की है – सांसद सीपी जोशी

राज्य स्तरीय तीन दिवसीय दृष्टिबाधित शतरंज प्रतियोगिता का समापन

उदयपुर, 6 जून। शतरंज जैसा खेल जिसमें चौकस निगाहें, तेज दिमाग दोनों हो आवश्यक है। उदयपुर में इस तरह के पहले अनूठे आयोजन जिसमें दृष्टिबाधितों ने अपने मन की आंखों व स्पर्श के माध्यम से खेल जिस बुद्धि कौशल का परिचय दिया है, वह अच्छे अच्छों को चकित करने वाला है। उन्होंने साबित कर दिया है दृष्टिबाधितों में प्रतिभाओं की कमी नहीं। केवल उन्हें अपनी प्रतिभा को उजागर करने के लिए उचित मंच चाहिए।

यह बात चितौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने समिधा दृष्टि-दिव्यांग मिशन, उदयपुर की ओर से दृष्टिबाधित बालकों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता के शुक्रवार को हुए समापन समारोह मेंकही। उन्होंने कहा कि इन बालकों को ईश्वर ने विशेष शक्ति व सामर्थ्य दिया है, जो दूसरों के लिए भी प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के लिए समिधा संस्थान के प्रवर्तक डॉ चंद्रगुप्त सिंह चौहान व उनकी पूरी टीम बधाई की पात्र है।

विशिष्ट अतिथि भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि यह बालक दृष्टिबाधित नहीं, प्रज्ञा चक्षु हैं, जो अपने मन की आंखों से दुनिया को देख समझ रहे हैं। यह लोग किसी की दया के पात्र नहीं हैं। इन्हें किसी की कृपा या सहयोग नहीं चाहिए। केवल मोरल सपोर्ट चाहिए, जिससे कि वे अपना जीवन स्वाभिमान के साथ जी सकें, आगे बढ़ सकें।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला कलक्टर नमित मेहता ने अपनी तरह के इस अनूठे आयोजन के लिए बधाई देते हुए खिलाड़ियों का उत्साहवर्द्धन किया। साथ ही विशेष योग्यजन के लिए राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए उनसे लाभान्वित होने का आह्वान किया। उन्होंने विशेष योग्यजन के लिए प्रशासन की ओर से भी हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल, राजस्थान ग्रामीण बैंक के चेयरमेन मुकेश भारतीय, राजस्थान विद्यापीठ के वाइस चांसलर शिवसिंह सारंगदेवोत, समाजसेवी गजपाल सिंह राठौड़, उपजिला प्रमुख पुष्कर तेली, समाजसेवी प्रमोद सामर, श्रद्धा गट्टानी, आकाश वागरेचा, नानालाल बया, दीपक शर्मा, प्रदीप रावानी सुषमा कुमावत, भंवर सिंह राठौड़ ने भी विचार व्यक्त किए।

इससे पूर्व समिधा मिशन के संस्थापक डॉ चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा किइस शतरंज प्रतियोगिता के जरिए उन्होंने दृष्टिबाधितों के प्रति अपनी पीड़ा उजागर की है। दृष्टिबाधित स्कूली बालकों के लिए तो अंध विद्यालय है, लेकिन उदयपुर संभाग जहां प्रदेश के सर्वाधिक दृष्टिबाधित हैं, उनके कॉलेज शिक्षा के लिए उदयपुर संभाग में कहीं छात्रावास तक नहीं। छात्रों के लिए तो उन्होंने निगम के सामुदायिक भवन में छात्रावास संचालित कर रखा है, लेकिन बालिकाओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें मजबूरी में यूनिवर्सिटी, कॉलेज के आसपास कमरे किराए पर लेकर रहना पड़ रहा है। जहां वे हाथों से खाना बना करऑटो में किराया देकर कॉलेज जाने के लिए विवश हैं। आभार प्रज्ञा चक्षु विद्यालय की प्रिंसिपल डॉ आभा शर्मा ने व्यक्त किया।

जिला कलक्टर ने की विजेताओं की घोषणा
जिला कलेक्टर नमित मेहता ने दृष्टिबाधित शतरंज प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की। प्रथम विजेता जुगल किशोर, अजमेर रहे। द्वितीय स्थान पर धनराज मीणा, जयपुर, तृतीय स्थान अरमान खान ,अजमेर चतुर्थ स्थान निर्मल कुमावत जयपुर व पांचवां स्थान ललित मीणा, उदयपुर ने प्राप्त किया।

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